नगर सभापति बनी चंदा देवी, लंबे समय से चल रहा था कुर्सी के लिए उठा पटक

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रक्सौल: 18 अगस्त 2021:: नगर परिषद में लंबे समय से चल रहे सियासी उठा पटक का अंत सत्ता परिवर्तन के साथ हो गया।बुधवार को हुए नगर परिषद के मुख्य पार्षद के चुनाव में चंदा देवी निर्विरोध नगर सभापति चुन ली गईं। वे वार्ड 13 की नगर पार्षद हैं।अनुमंडल सभागार में हुए चुनाव में उन्हें निर्वाचित घोषित किया गया।चुनाव के दौरान नगर के 25 में चौबीस वार्ड पार्षद मौजूद रहे। पदच्युत हुईं पूर्व मुख्य पार्षद उषा देवी ने चुनाव में भाग नही लिया।,जिन्होंने हार जीत के समीकरण का अंदाज करते हुए खुद को इस चुनाव से अलग कर लिया।
चुनाव के लिए जिला प्रशासन की ओर से 18 अगस्त बुधवार की तिथि निर्धारित की गई थी।जिसको ले कर शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव सम्पन्न कराने हेतु सुरक्षा के भी इंतजाम अनुमंडल प्रशासन द्वारा किए गए थे।डीएम शीर्षत कपिल अशोक के निर्देश पर प्रेक्षक के रूप में शशि शेखर और निर्वाचन पदाधिकारी के रूप में एसडीएम आरती कुमारी ने चुनाव सम्पन्न कराया।
प्रस्तावक के तौर पर वार्ड 15 के नगर पार्षद राज किशोर प्रसाद व समर्थक के तौर पर वार्ड 10 के नगर पार्षद रवि गुप्ता ने मुख्य पार्षद उम्मदीवार चंदा देवी को समर्थन दिया। विपक्ष में किसी वार्ड पार्षद ने अपनी उम्मदरवारी नही दी। जिसके बाद उपस्थित 24 पार्षदों ने चंदा देवी को सभापति के रूप में चुना। उसके बाद निर्वाची पदाधिकारी आरती ने चंदा देवी को निर्वाचित घोषित कर दिया।
निर्वाचित घोषित होने के बाद उन्हें शपथ दिलाया गया। चुनाव कक्ष से बाहर निकलते ही पार्षदों व समर्थकों ने उनका जबरदस्त स्वागत किया।उन्हें फूल माला व गुलाल से लाद दिया।
नव निर्वाचित मुख्य पार्षद चंदा देवी ने पत्रकारों से कहा कि रक्सौल का सर्वांगीण विकास ही मेरा अंतिम लक्ष्य होगा। सबो का साथ, सबका विश्वास और रक्सौल को अंतराष्ट्रीय पहचान व मान सम्मान दिलाना मेरा ध्येय होगा।उन्होंने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि उपस्थित सभी पार्षदों ने मुझ पर विश्वास किया और मुख्य पार्षद की कुर्सी पर बिठाया है, इसके लिए उन्हें तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हुए वायदा करती हूं कि उनके शहरवासियो के उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरने की कोशिश करूंगी।

निर्वाचित सभापति चंदा देवी शहर के मौजे वार्ड 13 की रहने वाली हैं। शहर के बीच से मुख्य पार्षद चुने जाने से शहरवासियो की उम्मीदें एक फिर से बढ़ गई हैं।
जानकारी के अनुसार पूर्व उप मुख्य पार्षद काशी नाथ प्रसाद को तत्कालीन मुख्य पार्षद उषा देवी खेमा द्वारा कुर्सी से हटाने के बाद से सियासी उठा पटक तेज हो गई थी। श्री प्रसाद की अगुवाई में बुच्चड़ खाना की भूमि खरीद में घोटाला और शेड आवंटन के लिये टेंडर करने के अनियमितता के मामले को जोर शोर से उठाया गया, जिससे मुख्य पार्षद उषा देवी की कुर्सी हिल गई। जिस कारण तत्कालीन सभापति उषा देवी की कुर्सी छीन गई।
हालांकि, मुख्य पार्षद का कार्यकाल सीमित अवधि का ही है, क्योंकि, अगले वर्ष चूनाव होने हैं। ऐसे में उन्हें कार्यालय से ले कर क्षेत्र तक चुनौतियों से जूझना होगा। जबकि नगर के लोग बेहतरी की बहुत सारी उम्मीदे पालें बैठें हैं।मौके पर अनुमंडल कार्यपालक दंडाधिकारी संतोष कुमार सिंह, वार्ड पार्षद नन्हे श्रीवास्तव, जितेंद्र दाता, रोहिणी साह, चीनी राम सहित अन्य वार्ड पार्षद मौजूद थे।

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