पटना, 28 जून, 2025 :: आईआईटी पटना और बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग के बीच शनिवार को एक अहम समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत आईआईटी पटना परिसर में “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फायर टेस्टिंग, ट्रेनिंग एवं रिसर्च लैबोरेट्री” की स्थापना की जाएगी। यह केंद्र अग्नि सुरक्षा, प्रशिक्षण, परीक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में विशेष योगदान देगा और उत्तर-पूर्वी भारत में अपनी तरह का इकलौता संस्थान होगा।
पटना स्थित सचिवालय के विभागीय सभागार में आयोजित समारोह में विभाग के मुख्य अभियंता (निरूपण) श्री रेजा वारिस वारसी और आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टी एन सिंह ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री कुमार रवि सहित कई गणमान्य अधिकारी उपस्थित थे।
श्री कुमार रवि ने कहा कि यह पहल सरकारी भवनों की अग्नि सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस सेंटर के संचालन, प्रशिक्षण, उपकरणों के रख-रखाव आदि की जिम्मेदारी अगले पाँच वर्षों तक भवन निर्माण विभाग वहन करेगा, जबकि आईआईटी पटना तकनीकी विशेषज्ञता, फैकल्टी सहयोग और अनुसंधान नेतृत्व प्रदान करेगा। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत लगभग ₹17.36 करोड़ होगी। भवन निर्माण विभाग आवश्यक संरचना का निर्माण करेगा और आईआईटी पटना इसके लिए मुफ्त भूमि उपलब्ध कराएगा।
इस केंद्र में भवन निर्माण सामग्री की अग्नि प्रतिरोधक क्षमता की जांच, आग लगने पर भवनों को होने वाले नुकसान का आकलन, और मरम्मत की रणनीतियों पर शोध किया जाएगा। साथ ही अभियंताओं और कर्मियों को फायर सेफ्टी, बचाव तकनीक, और रेट्रोफिटिंग जैसे विषयों पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यह प्रयोगशाला अग्नि के प्रसार के व्यवहार, बहुमंजिला भवनों की अग्नि सुरक्षा रणनीतियों, और स्थानीय सामग्रियों की ज्वलनशीलता पर भी अनुसंधान करेगी। यह साझेदारी न केवल भवनों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि अग्नि सुरक्षा के क्षेत्र में भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगी।