सिफ़ान हसन: गिरकर उठने वाले चैंपियन बनते हैं

दिलीप कुमार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन्हें युवाओं का आदर्श बताया। अपने देशवासियों को प्रेरित करते हुए इमरान खान ने कहा कि उनका वीडियो हर पाकिस्तानी को बार-बार देखना चाहिए। परंतु पाकिस्तान उनका मुल्क़ नहीं है। उनका जन्म अफ़्रीकी देश इथियोपिया में हुआ। लेकिन इथियोपिया भी अब उनका मुल्क नहीं है। 15 वर्ष […]

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नीरज चोपड़ा: उगते सूरज के देश में खिला स्वर्णिम कमल

दिलीप कुमार जापान उगते सूरज का देश है। ओलंपिक खेलों की एथलेटिक्स स्पर्धा में 125 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा के बाद वहां भारत के लिए स्वर्णिम कमल खिला। 23 वर्षीय नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर दूर भाला फेंक कर ओलंपिक का चमचमाता हुआ स्वर्ण पदक भारत की झोली में डाल दिया। इस पदक से 125 […]

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लवलीना बोरगोहेन : मुक्के की ताकत

दिलीप कुमार* राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म वाले दिन 2 अक्टूबर को उनका भी जन्म हुआ था। घरवालों ने कहा कि वह तो सत्य और अहिंसा की पुजारी बनेगी। लेकिन छोटी बच्ची लवलीना बोरगोहेन को महात्मा गांधी के विचारों ने कितना प्रभावित किया, उससे कहीं अधिक वह किक बॉक्सिंग करने वाली अपनी बड़ी जुड़वा बहनों- […]

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बर्शिम-ताम्बेरी: दोस्ती जो मिसाल बन गई

दिलीप कुमार मुताज़ एसा बर्शिम कतर के हैं। जियानमार्को ताम्बेरी इटली के नागरिक हैं। मुताज 30 वर्ष के हैं तो ताम्बेरी 29 वर्ष के। ओलंपिक की मूल भावना की मशाल दोनों के दिलों में जलती है। देश और धर्म की दीवारों को लांघते हुए दोनों एक-दूसरे का प्रोत्साहित करते हैं। टोक्यो में दोनों ने मिलकर […]

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एम्मा मैककॉन: तरणताल की नई महारानी

एम्मा मैककॉन: तरणताल की नई महारानी दिलीप कुमार पिता अंतरराष्ट्रीय स्तर के तैराक रहे। मां ने भी तरणताल में खूब गोते लगाए। उनका जन्म तो वैसे ऑस्ट्रेलिया के एक अस्पताल में हुआ, लेकिन जब उन्होंने आंखें खोली तो अपने आपको तरणताल के पास ही पाया। ओलंपिक खेलों में भाग ले चुके और राष्ट्रमंडल खेलों में […]

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पीवी सिंधु: हौसले की उड़ान

दिलीप कुमार* हाथ में रैकेट लेकर जब वह बैडमिंटन कोर्ट में उतरती हैं तो सवा सौ करोड़ लोगों की निगाहें उन पर होती हैं। जोश, जज़्बा और जुनून का वह पर्याय हैं। ओलंपिक खेलों में भारतीय टीम बड़ी-बड़ी उम्मीदों के साथ उतरती रही हैं। टोक्यो ओलंपिक में कई बड़े नामों ने निराश किया पर उन्होंने […]

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निशिया मोमिजी : 13 साल की उम्र में ओलंपिक चैंपियन

दिलीप कुमार* ओलंपिक खेलों की एक समृद्ध विरासत है। मैराथन दौड़ और तीरंदाजी जैसे सबसे प्राचीन खेल ओलंपिक का अहम हिस्सा रहे हैं। लेकिन, इन खेलों में आधुनिकता के समावेश का भरपूर प्रयास भी आयोजकों द्वारा किया जाता है। टोक्यो ओलंपिक में स्केटबोर्डिंग को शामिल करके आयोजकों ने 21वीं सदी की आकांक्षाओं को प्रतिनिधित्व देने […]

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मीराबाई चानू : संघर्ष परत-दर-परत, ओलंपिक में रजत

दिलीप कुमार* परिवार के सदस्यों ने बचपन में ही जान लिया था उसके बाजूओं में बहुत दम है। लकड़ी के गट्ठर ढोते-ढोते बड़े भाई थक जाते। सुस्ताने के लिए पेड़ के नीचे बैठते। मगर वह लगी रहती। बिना रुके। बिना थके। परिवार के सदस्यों को यदि लकड़ी का कोई बड़ा टुकड़ा जंगल में मिल जाता […]

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मन का हो तो अच्छा, मन का न हो तो ज्यादा अच्छा

दिलीप कुमार* हम सभी जीवन में सफलता और अधिकाधिक आनंद की प्राप्ति के लिए प्रयास करते हैं। परिणाम कई बार हमारे मन के मुताबिक होता है। हमारी मेहनत का उचित प्रतिफल हमें प्राप्त होता है जिससे हमें आनंद की प्राप्ति होती है। हर कोई चाहता है कि चीजें उसके मन के मुताबिक हो। दूसरे लोग […]

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पुस्तक समीक्षा: अंजु रंजन की कविताओं में है जन्मभूमि से अलगाव की पीड़ा

दिलीप कुमार विस्थापन विश्व की सबसे भयावह समस्याओं में से एक है । बाढ़,अकाल तूफान तथा अशांति के कारण करोड़ों लोग विस्थापित हुए हैं । निश्चित रूप से यह विस्थापन बाहरी शक्तियों के दबाव में हुए और विस्थापित लोग न चाहते हुए भी अपनी जड़ों से कटकर स्थानों पर रहने के लिए बाध्य हुए । […]

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