अधूरेपन में पूर्णता

Uncategorized

  • शाम्भवी शैली

कुछ कहानी अधूरेपन में भी पूरी होती है।
वो पूरी किताब नहीं पर कविता सी होती है।।
वो कुछ पलों में ही सदियां जी लिया करती है।
कुछ कहानी अधूरेपन में भी पूरी हो जाती है।।

वो न रात मांगती है, न दिन मांगती है।
वो बस जिंदगी के लिए कुछ लम्हें मांगती है।।
वो रिश्तो से प्यार छानना जानती है।
कुछ कहानी अधूरेपन में भी पूरी हो जाती है।।

वो बेचैनी और सुकून का मिश्रण होती है।
वो कुछ कहती नहीं बस महसूस करवाती है।।
वो नदी बनके आती है और समुद्र में समाती है।
कुछ कहानी अधूरेपन में भी पूरी हो जाती है।।

वो अलग रहे तो , प्रेरणा बन जाती है।
वो दूर रहकर भी पास, रह जाती है।।
हम एक हैं, यह कुंजी बन जाती है ।
कुछ कहानी अधूरेपन में भी पूरी हो जाती है।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *