बिहार के राज्यपाल के. के. मुहम्मद के सम्मान में ‘ग्लिंपसेज ऑफ आर्ट एंड आर्कियोलॉजी ऑफ इंडिया एंड साउथ एशिया’ ग्रंथ का भव्य विमोचन; आईपीएस विकास वैभव ने साझा किया अपना अनुभव

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पटना: 24 अप्रैल 2025 :: राजभवन, पटना के दरबार हॉल में पद्मश्री सम्मानित, सुप्रसिद्ध पुरातत्वविद एवं बिहार के राज्यपाल के. के. मुहम्मद के सम्मान में समर्पित अभिनंदन ग्रंथ ‘Glimpses of Art and Archaeology of India and South Asia’ का लोकार्पण किया गया। यह ग्रंथ उनके दीर्घकालीन योगदानों और विरासत संरक्षण के क्षेत्र में अद्वितीय प्रयासों को समर्पित है।

इस अवसर पर बिहार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी विकास वैभव, आईपीएस, आईजी, बिहार विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा:

“श्री के. के. मुहम्मद जी का कार्य सम्पूर्ण भारतवर्ष में एक जीवंत विरासत बन चुका है। चंबल के डकैतों से लेकर छत्तीसगढ़ के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों तक, उन्होंने सत्य और साहस के साथ भारतीय पुरातत्व की धरोहरों को पुनर्जीवित किया है। उनके समर्पण, निडरता और सत्यनिष्ठा से आज भी प्रेरणा मिलती है।”

उन्होंने विशेष रूप से बटेश्वर मंदिरों के पुनर्निर्माण के दौरान डकैतों को संरक्षण में सम्मिलित करने की ऐतिहासिक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह विरासत की प्रेरणा-शक्ति का अद्भुत उदाहरण है। श्री वैभव ने बताया कि कैसे बगहा और रोहतास जैसे अति-संवेदनशील क्षेत्रों में विरासत के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की लहर उत्पन्न हुई, जिससे अनेक उग्रवादियों और अपराधियों ने आत्मसमर्पण किया।

अपने संबोधन के अंत में उन्होंने ग्रंथ के दोनों संपादकों, डॉ. गीता जी और प्रो. ओ. पी. पांडेय जी को हार्दिक बधाई देते हुए आग्रह किया कि श्री के. के. मुहम्मद जी के कार्यों पर आधारित अन्य खंड भी भविष्य में प्रकाशित किए जाएँ, ताकि उनकी विरासत पीढ़ियों तक प्रेरणा देती रहे।

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