शिक्षा एवं साहित्य के लिए समर्पित हैं ममता मेहरोत्राः राजकुमार नाहर

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पटना, संवाददाता। 8वां प्रेमनाथ खन्ना सम्मान समारोह के दूसरे दिन भी भव्यता के साथ आयोजित किया गया। कालिदास रंगालय में आयोजित प्रेमनाथ खन्ना स्मृति आदिशक्ति समारोह -2023 में आज के कार्यक्रम का उद्घाटन पटना दूरदर्शन के निदेशक सहित अन्य गणमाण्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर प्रसिद्ध लेखिका ममता मेहरोत्रा की दो पुस्तकों काव्य संग्रह बिखरे पुष्प और अनछुए पल जीवन के का विमोचन पटना दूरदर्शन के निदेशक राजकु मार नाहर, प्रसिद्ध साहित्यकार कासिम खुर्शीद, अनिरुद्ध सिन्हा, कुमार विमलेंदु, कुमार वरुण और बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिलीप कुमार ने किया।
मौके पर मुख्य अतिथि राजकुमार नाहर ने कहा कि ममता मेहरोत्रा एक सिद्धहस्त साहित्यकार हैं और साहित्य के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। पिछले तीन दशकों में 60 पुस्तकों की रचना उन्हें कर्मयोगी बनाता है। उन्होंने स्वयं गीता पर 3 पुस्तकों की रचना की है। कर्म की शक्ति को उनसे बेहतर भला कौन समझ और समझा सकता है। शिक्षा से समाज तक हर क्षेत्र में उनकी गहरी पकड़ है। इसीलिए वो साहित्य की हर विधा में लिखती हैं।
इस मौके पर भोजपुरी के प्रसिद्ध भाषाविद और साहित्यकार पृथ्वीराज सिंह को भोजपुरी भाषा के संवर्द्धन में विशिष्ट योगदान के लिए 18वें प्रेम नाथ खन्ना स्मृति आदिशक्ति सम्मान प्रदान किया गया।
सम्मान समारोह के बाद गजलों की महफिल सजाई गई जिसमें, प्रसिद्ध गजलकार डॉ. कासिम खुर्शीद, संजय कुमार कुंदन,प्रेम किरण, नसीम अख्तर, चांदनी समर, रूबी भूषण, अविनाश अमन, पीयूष आनंद, सविता राज, डॉ जियाउर रहमान जाफरी, अविनाश भारती, श्वेता गजल, बिंदेश्वर प्रसाद गुप्ता आदि ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
आज बिहार बाल भवन किलकारी के बच्चों ने शानदार नृत्य और गीतों की प्रस्तुति करके कालिदास रंगालय में उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया। मौके पर लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत भी उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम के अंत में ममता मेहरोत्रा लिखित कहानी पर आधारित नाटक मकान का मंचन राजधानी की चर्चित नाट्य संस्था कला जागऱण द्वारा प्रस्तुत किया गया।नाटक के निर्देशक थे सुमन कुमार। नाट्य रूपांतरण किया है अखिलेश्वर प्रसाद सिन्हा ने।
कलाकारों में कौशिक कुमार(शंकर साहू), शशांक कुमार(उमेश-छोटा भाई), चंद्रावती कुमारी(छोटी बहु), स्वाति जायसवाल(बड़ी बहु), अर्चना एंजल(विभा-माँ), मिथिलेश कुमारसिन्हा(दूधवाला/मजदूर), हरि कृष्ण सिंह(सेठ), मांशीष बच्चन(हाकिम), आदर्श प्रियदर्शी (चपरासी), अरविन्द कुमार(मजदूर/व्यक्ति), अराध्या सिन्हा एवं रिया जायसवाल (बेटी), रणविजय सिंह(मौलवी साहब/ मजदूर)ने अपने अभिनय से काफी प्रभावित किया।

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