स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती का जन्मोत्सव सारण स्थित उनके जन्म स्थान पर मनाया गया

Yoga & Spirituality

  • शांभवी पोद्दार

सारण, दिनांक 3 फरवरी, 2021को स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती का जन्मोत्सव उनके जन्म स्थान पर स्थित स्वामी ज्योतिर्मयानंद आश्रम में मनाया गया। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते लोगों की उपस्थिति सीमित रखा गया था।
कार्यक्रम का शुभारंभ वेद मंत्र तथा विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना से हुई तदोपरांत पूजा, अर्चना, भजन विधि विधान से आश्रम के ट्रस्ट्री सह अन्तर्राष्ट्रीय योग समन्वयक एवं योग प्रशिक्षक अवधेश झा द्वारा संपन्न किया गया। साथ ही साथ योग के विभिन्न आयामों – मुद्राओं के विषय में चर्चा एवं अभ्यास कराया गया।
स्वामी ज्योतिर्मयानंद जी का जन्म 3 फ़रवरी 1931 को सारण जिला स्थित श्री डुमरी बुजुर्ग गांव में हुआ था। वह बचपन से प्रखर बुद्धि और ज्ञान के धनी थे। उनका अध्यात्मिक व्यक्तित्व का प्रतिबिंब किसी न किसी रूप में लोगों को दर्शन होता रहता था लेकिन जब वह पटना साइंस कॉलेज के छात्र थे तब स्वामी शिवानंद सरस्वती के प्रवचन से प्रभावित होकर संन्यास ग्रहण कर अध्यात्मिक जीवन में पूर्णतः समर्पित हो गए। फिर गुरु के निर्दशानुसार वह अमेरिका जाकर योग रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना, मियामी, फ्लोरिडा में किए तथा वहां से उन्होंने भारतीय योग और वेदांत का प्रचार प्रसार सौ देशों में किए। स्वामी ज्योतिर्मयानंद का व्यक्तित्व दिव्य व ब्रह्मांडीय है।
स्वामी ज्योतिर्मयानंद के गुरु भाई स्वामी सत्यानंद सरस्वती बिहार योग विद्यालय की स्थापना कर भारत तथा विश्व में भारतीय योग दर्शन की शिक्षा दिए। महर्षि पतंजलि द्वारा निर्देशित योग दर्शन की आध्यात्मिक भावना व चेतना को जागृत रखते हुए पूरे विश्व में स्वामी शिवानंद सरस्वती जी के दोनों शिष्य स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती एवं स्वामी सत्यानंद सरस्वती की भूमिका ईश्वरी व दिव्य है। उसी कड़ी को अब आगे बढ़ा रहे है बिहार योग विद्यालय के परमाचार्य स्वामी निरंजनानंद सरस्वती।
स्वामी ज्योतिर्मयानंद जी के निर्देशानुसार ज्योतिर्मय ट्रस्ट की स्थापना वर्ष 2014 श्री विमल कुमार एवं उनके सहयोगी अवधेश झा, अधिवक्ता मनोज कुमार, निशांत कुमार, श्रीमती रेणु कुमार आदि के द्वारा पटना में हुई तथा इसे योग रिसर्च फाउंडेशन, मियामी, फ्लोरिडा, अमेरिका की अधिकृत इकाई के रूप में मान्यता प्राप्त है जिसका मुख्य उद्देश्य स्वामी ज्योतिर्मयानंद जी द्वारा स्थापित किए गए अध्यात्मिक उद्देश्य को जन जन तक पहुंचाना है। स्वामी ज्योतिर्मयानंद अभी तक सत्तर से ज्यादा पुस्तक योग एवं अध्यात्म विषय पर लिख चुके है जो कि मानव कल्याण के लिए लाभप्रद है।
योग एवं आध्यात्मिक उत्थान केन्द्र के रूप में स्थित स्वामी ज्योतिर्मयानंद आश्रम सारण में वर्ष 2019 ” ज्योतिर्मय संस्कार शाला ” का शुभारंभ किया गया जिसमें आस पास के गांव एवं मुहल्लों के बच्चों को शिक्षा व संस्कार दी जाती है। साथ ही ज्योतिर्मय इंटरनेशनल स्कूल का शुभारंभ भी वर्ष – 2020 में दूरगामी शिक्षा योजना के तहत की गई।
सारण की धरती पर होने वाली इस आयोजन में कई गण्य मान्य लोग उपस्थित हुए।
यह आयोजन एवं ज्योतिर्मय ट्रस्ट एवं आश्रम के सचिव विमल कुमार के नेतृत्व में सम्पन्न कराया गया। इस अवसर पर आश्रम के सदस्य अवधेश झा, मनोज कुमार, रेणु कुमार, निशांत कुमार, निपुर सिन्हा, रजनीश योगी, विशाल सिन्हा आदि उपस्थित थे।

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